Gurugram News Network – दिल्ली की वायु गुणवत्ता (एक्यूआई 201 से 300 के बीच) खराब श्रेणी में पहुंच गई है इसलिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सी ए क्यू एम) ने तत्काल प्रभाव से दिल्ली सहित पूरे एनसीआर क्षेत्र में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) का प्रथम चरण तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत 23 विभिन्न प्रकार की गतिविधियां रेखांकित करते हुए उन पर अमल करने के आदेश दिए गए हैं।
आयोग ने एनसीआर में सभी संबंधित एजेंसियों को ग्रैप के प्रथम चरण को लागू करने के निर्देश दिए हैं। इस प्रथम चरण के तहत एनसीआर में 500 वर्ग मीटर या इस से अधिक आकार के प्लॉट में, जो अभी तक पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हैं, में निर्माण और तोड़फोड़ की गतिविधियों संबंधी परियोजनाओं को तत्काल बंद करने के निर्देश दिए गए हैं। आयोग ने निर्माण और तोड़फोड़ से उत्पन्न होने वाले कचरे का उचित प्रबंधन तथा धूल को कम करने के संबंध में दी गई हिदायतों को लागू करना सुनिश्चित करने को कहा है।
इसी प्रकार, नगर निगम व नगर पालिका क्षेत्रों से ठोस कचरे, निर्माण व तोड़फोड़ कचरा तथा घातक कचरे का निर्धारित स्थानों से नियमित रूप से उठान करने और खुले स्थानों पर अवैध रूप से कचरा डालने पर रोक लगाने की हिदायत दी है। धूल प्रबंधन के लिए समय-समय पर मशीनों से सफाई और सड़कों पर पानी का छिड़काव तथा लैंडफिल साइट या निर्धारित जगहों पर इकट्ठी हुई धूल का निपटारा करने के आदेश दिए गए हैं। नगर निगम व नगर पालिकाओं को निर्माण स्थलों पर ‘एंटी स्मॉग गन’ का इस्तेमाल करने, खुले में बायोमास या अन्य ठोस कचरा जलाने पर रोक लगाते हुए ऐसा करने वालों पर भारी जुर्माना लगाने, भीड़भाड़ वाले स्थानों पर ट्रैफिक पुलिस तैनात करके ट्रैफिक का सुचारू आवागमन सुनिश्चित करने, वाहनों में प्रदूषण नियंत्रित होने संबंधी सर्टिफिकेट (पीयूसी ) की शर्त को कड़ाई से लागू करने, प्रदूषण फैलाते दिखाई देने वाले वाहनों को जब्त करने या उन पर भारी जुर्माना लगाने, ट्रक यातायात को डायवर्ट करने के संबंध में उच्चतम न्यायालय के आदेशों की पालना करने, नियमों का उल्लंघन करने वाली औद्योगिक इकाइयों अथवा अवैध रूप से संचालित की जा रही इकाईयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की हिदायत दी हैं।
ग्रैप के प्रथम चरण में यह भी कहा गया है कि उद्योग केवल स्वीकृत ईंधन का इस्तेमाल करें और इस मामले में उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो, थर्मल पावर प्लांट में भी उत्सर्जन नॉर्म की पालना हो, पटाखों के प्रयोग और आतिशबाजी पर प्रतिबंध संबंधी न्यायालयों व ट्रिब्यूनल के आदेशों की पालना सुनिश्चित करने, औद्योगिक वेस्ट का नियमित उठान तथा उसका सही निस्तारण, बिजली निगम को आदेश दिए गए हैं कि वह यह सुनिश्चित करे कि एनसीआर क्षेत्र में बिजली आपूर्ति कम से कम बाधित हो, बिजली आपूर्ति के लिए डीजल जनरेटर का नियमित स्रोत के तौर पर प्रयोग न हो। इसके अलावा प्रदूषण के स्तर के बारे में सोशल मीडिया, मोबाइल ऐप आदि के माध्यम से आम जनता को सूचित किया जाएगा, साथ ही कंट्रोल रूम का नंबर बताया जाएगा, जहां पर वे प्रदूषण फैलाने की गतिविधियों या स्रोतों के बारे में संबंधित अधिकारियों को रिपोर्ट कर सकेंगे ताकि सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई कर सकें। यही नहीं, प्रथम चरण में यह भी कहा गया है कि 311 एप, ग्रीन दिल्ली ऐप, समीर एप तथा अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मिलने वाली शिकायतों पर जल्द से जल्द कार्रवाई सुनिश्चित की जाए ताकि प्रदूषण फैलाने की गतिविधियों पर रोक लगाई जा सके।